वैदिक ज्योतिष: यह भारत की सबसे पारंपरिक और प्रमुख ज्योतिष विद्या है, इसमें ग्रहों, नक्षत्र, दशा और कुंडली के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
हस्तरेखा ज्योतिष: इसमें हाथों की रेखा को पढ़कर उसके आधार पर व्यक्ति के स्वभाव, भाग्य और भविष्य का अनुमान लगाया जाता है। इसे Palmistry भी कहा जाता है।
गणित ज्योतिष: इस ज्योतिष विद्या में ग्रहों की गति, स्थिति और अन्य क्रमों के माध्यम से भविष्य का अनुमान लगाया जाता है।
अंक ज्योतिष: इसमें किसी व्यक्ति के जन्म तारीख और नाम के अंकों के आधार पर उसके व्यक्तित्व और भविष्य का अनुमान लगाया जाता है।
नाड़ी ज्योतिष: यह दक्षिण भारत की सबसे पुरानी विद्या है। इसमें हथेली की छाप और जन्म विवरण के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है।
कुंडली ज्योतिष: इसमें किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली और जन्म पत्रिका के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है। इसे सबसे लोकप्रिय विद्या में से एक माना जाता है।
कर्म ज्योतिष: इसमें व्यक्ति की आत्मा की यात्रा और पुनर्जन्म की भविष्यवाणी की जाती है जो इस आधार पर होती है का उस व्यक्ति कर्म और उनके फल क्या है।
प्रश्न ज्योतिष: व्यक्ति से तत्काल पूछे गए सवालों के आधार पर भविष्यवाणी की जाती है। यह भी बाकी ज्योतिष विद्या की तरह ही काफी प्रसिद्ध है।
ताजिक ज्योतिष: यह ज्योतिष विद्या अरब-फारसी से प्रभावित है। यह प्रश्न कुंडली और वार्षिक फल के लिए काफी प्रसिद्ध है।
टैरो कार्ड ज्योतिष: यह नए ज़माने की सबसे प्रचलित ज्योतिष विद्या है जो कि पश्चिमी देशों से प्रभावित है। इसमें प्रतीकात्मक कार्डों के माध्यम से किसी व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्थितियों का अनुमान लगाता है।